टाटा नैनो की विफलता के कारण || टाटा नैनो विफलता मामले का अध्ययन |


Tata Nano Failure Reasons || Tata Nano Failure Case Study ||




रतन टाटा देश के सबसे बड़े उद्योगपति जिन्होंने सॉल्ट से लेके नामक से लेके सॉफ्टवेयर तक हर एरिया में बिजनेस किया है और हर जगह सफलता के झंडे कड़े फिर भी उनका एक ड्रीम प्रोजेक्ट जो उनके दिल के बहुत करीब था नैनो फैल हो गया आखिर क्यों रतन है देश के गरीब और माध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक गाड़ी बनाई थी नैनो और उन गरीब और माध्यम वर्गीय ने उसको खरीदने से ही माना कर दिया ऐसा क्यों नैनो का ऐस्टीमेशन था की हर साल मिनिमम 3 लाख से ज्यादा गाड़ियां बिकेगी पर अपने पूरे जीवन कल में 8 से 10 साल के पीरियड में भी नैनो की टोटल 3 लाख गाड़ियां भी नहीं आखिर क्यों

नैनों के पास 80 अलग-अलग तरह के पैटर्न द इंजीनियरिंग एक्सीलेंस का एक नमूना थी और उसके आने के बाद मारुति की सेल 20% डाउन हो गई थी उसके बावजूद भी नैनो फ्लॉप हो गई क्यों तो स्टूडियो में जानेंगे इन सभी सवालों के जवाब और लास्ट में वीडियो के अंत में मैं आपको बताऊंगा इस पूरे एपिसोड्स या बिजनेस लेसन सिख सकते हैं जो हमारी जिंदगी और बिजनेस को और बेहतर बनाएंगे अब बिना टाइम वेस्ट किए करते वीडियो की शुरुआत [संगीत] कैसे रतन टाटा जी हम जानते हैं हमेशा दूसरों के प्रति चलते रहते हैं तो एक बार कहीं जा रहे द उन्होंने देखा की जब भी मैं

ट्रेवल करता हूं तो मैं देखता हूं की इंडिया में बहुत सारे लोग बाइक से ट्रेवल करते हैं तो एक बांदा बैठा है उसके पीछे उसकी वाइफ बेटी है बीच में एक बच्चा सैंडविच बना हुआ है एक बच्चा गोदी में बिठा रखा है और ऐसी जगह रोड पे बहुत सारे खड़े होते हैं जगह-जगह पानी होता है गाड़ी स्लीप हो सकती है तो रिटर्न डाटा नहीं सोचा की इनके लिए क्या ऐसा उपाय किया जाए की ताकि इनकी जिंदगी थोड़ी बटोर हो जाए तो रतन टाटा के बारे में आपको शायद कम लोगों को पता होगा की ये आर्किटेक्चर के स्टूडेंट रहे इन्होंने पढ़ की है आर्किटेक्चर की तो इन्होंने कहा की यार ये

चीज है मैं कुछ डूडल कागज पे बैठ के कोई डिज़ाइन बना देंगे कुछ ऐसी डिज़ाइन बनाई है जिससे ये लोग से रहे और वो डिजाइन बनते बनते कुछ ऐसी डिज़ाइन बन गई की नहीं भैया बाइक में तो ऐसा कोई सॉल्यूशन नहीं है बना नहीं तो कर ही पड़ेगी तो मैं एक ऐसी कर बनाना चाहता हूं की ये जो लोग उन से घूम रहे हैं जिनकी जिंदगी खतरे में है और ये बाइक पे घूम रहा है ये भी कर का सुख भी ले सके और सेफ भी रह सके इस विचार के साथ नैनो की शुरुआत हुई थी नो बनाने की शुरुआत कैसे हुई तो उन्होंने कहा की भैया अगर हमें सबसे सस्ती कर बनानी है तो रतन है प्रॉमिस किया की मैं 1 लाख में कर लॉन्च

करूंगा अब प्रॉमिस उन्होंने कर दिया एक लाख में कार्ड लॉन्च करनी है इंजीनियर इसको बोला भैया सबसे सस्ती होनी चाहिए तो इंजीनियर ने बहुत सारे चेंज किए हैं तो जैसे अगर आप देखेंगे तो टाटा नैनो में और टायर्स में आप देखेंगे तो चार स्क्रू होते हैं टाइट करने के नाता नैनो में तीन ही हैं थोड़ा पैसा बचाया उन्होंने कहा की भैया ऐसा है की गाड़ी कम स्टील बहुत ज्यादा लगता है इसलिए गाड़ी महंगी होती है इसमें स्टील का उपयोग बहुत कम से कम किया गया ताकि भैया गाड़ी थोड़ी सस्ती बने जो रियर व्यू मिरर होता है ड्राइवर साइड में तो था और जो copenjar साइट है उसे साइड से

वहां हटा दिया की चलो थोड़े पैसे दो बचे जो वाइपर था नॉर्मल गाड़ी में दो वाइपर होता है नैनो ने कहा यार एक ही वाइपर करते हैं थोड़ा पैसा यहां बचे तो जहां जहां भी पॉसिबिलिटी थी पेट्रोल की टंकी में जा पेट्रोल भरता है वहां पे जो अपना कवर होता है वो कवर हटा दिया बोले यार यहां से थोड़े पैसे बचे तो जहां थोड़ा-थोड़ा थोड़ा थोड़ा बच सकता था बहुत सारे डिज़ाइन में चेंज किए बहुत सारे टेक्नोलॉजी में चेंज की है इसके चक्कर में टाटा नैनो के पास लगभग 80 के आसपास पेटेंट है इंजीनियरिंग और डिज़ाइन पैटर्न जो की ग्रीस वर्ल्ड रिकॉर्ड है एक कर के पास इतने पेटेंट होने

का तो एक तरह से देखा जाए तो ऑपरेशन एक्सीलेंस का नमूना थी बड़ी-बड़ी कर निर्भरता कंपनियों जिन्होंने कर की शुरुआत की थी फोर्ड बड़ी बड़ी कंपनियों हाथ पावती की भैया आती रहे ऐसे कैसे हो सकता है एवं बराक ओबामा ने इसकी चर्चा की की भैया इंडिया में कर आने वाली हम वेट कर रहे हैं की आखिर कैसी आएगी तो पूरे देश की निगाहें पूरे विश्व की निगाहें इस पे टिकी हुई थी तो ये ऐसी आरती जो है 80 से ज्यादा द तो देखा जाए तो इंजीनियरिंग की और डिज़ाइन की दुनिया का एक तरह का बहुत बढ़िया नमूना आपके सामने पेश हो गया था और ये सब हो रहा था बहुत सस्ते में इंपॉर्टेंट बात याद

रखना इसी पे अपनी वीडियो के मैं आगे जाके आगे बडूंगा की दुनिया की सबसे सस्ती कर आने वाली है भैया ₹1 लाख में कर आने वाली है अमेरिकन का रहे द की यार ये कौन आदमी है जो 1300 में कर लेके ए रहा है तो 1300 डॉलर की कर का पूरे मार्केट में पूरे देश की मीडिया पूरे देश की ऑटो कंपनियों विश्व की मीडिया वेट कारी थी एवं बराक ओ प्रोवाइड करते हैं की भैया क्या लेके ए रहा है आखिर तो देखा जाए तो टाटा मोटर को टाटा नैनो की फ्री पब्लिसिटी हो रही थी ₹1 जेब से लग नहीं रहा और पूरा विश्व बात कर रहा है हर कम नहीं जाती है ऐसी मार्केटिंग मिले और क्या ये मार्केटिंग फ्री की चीज

है नॉर्मली घटक होती है चाहे फ्री की चीज इनको घटक गई आगे चर्चा करते हैं अब भैया ये डिज़ाइन तो बन के हो गया तैयार कहां हुआ कागज में कहां हुआ लैब में अभी एक्चुअल तो बनाना पड़ेगा तो फैक्ट्री लगानी पड़ेगी तो प्लांट लगाना पड़ेगा तो रिजल्ट डाटा ने का भैया कहां लगे खोज हुई पता चला भैया सिंगुर में लगा दो वहां पे जब इन्होंने लैंड को एक्विजिशन किया और कहा भी यहां पे प्लांट लगाएंगे उसे समय वैसा ममता बनर्जी ने पूरा मोर्चा खोल दिया कहा नहीं भैया गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है अरे किसने की जमीन ले ली जब इतने धरने प्रदर्शन टाटा ने कहा भैया जितना

ज्यादा प्रोडक्ट डिले होगा प्रोजेक्ट की कॉस्ट उतनी ज्यादा बढ़ती जाएगी वेट करने का कोई नहीं है कर लिया जितना कर रहा था बातचीत करनी थी लोग नहीं मानते मैं चला कहीं और ढूंढ लेंगे वो कहीं और जब ढूंढ रहे हैं तो हमारे जो मित्रों है नरेंद्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री उन्होंने कहा आपका गुजरात में स्वागत है हमारे यहां पर जगह सानंद लिए यहां पे यहां पे आपको जमीन दे देंगे अप्रूवल दे देंगे जो मांगोगे वो दे देंगे आपको प्लांट यहां पे लगाओ रतन टाटा ने कभी यह जहां सुविधा मिलेगी महंगे तो टाटा नैनो का प्लांट सिंगुर से शिफ्ट हो गया सानंद में तो ये

जो बेनिफिट मिलना था पश्चिम बंगाल को जो रोजगार वहां मिलना था तो जीडीपी वहां बन रही थी वो पहुंच गई आपके गुजरात अब ये चेंज दिखने में आपको लग सकता है की हान ठीक है क्या फर्क पड़ता है यहां की जगह नहीं सर इस पूरे प्रक्रिया में टाइम बहुत वेस्ट हो गया जो चीज मार्केट में हाई बनी हुई थी गाड़ी आने वाली आने वाली आने वाली है एक साल का लगभग टाइम इसमें लग गया सिंगुर में प्लानिंग करने में विरोध प्रदर्शन में मनाने में फिर उसके बाद वो सारी चीज वहां पे शिफ्ट करने में 1 साल हो गया दूसरा गुजरात में कंपेरटिवली बंगाल की तुलना में गुजरात में है कुछ चीज मैं इनको

महंगी भी पड़ी तो उसे समय एक ऐसा दौर ए गया था की मैं 1 लाख का प्रॉमिस तो कर दिया और गाड़ी बनने की कॉस्ट से ऊपर ए रही थी तो साइरस मिस्त्री जी का जब इनसे टाटा एक चीज और की थी टाटा इमोशनल ज्यादा सोचते एक लाख में गाड़ी किसी भी हालत में बन नहीं सकती होस्टिंग ज्यादा ए रही है यह ₹1 लाख में बेचने में अडे हुए हैं ये फाइनेंशियल चीज तो देखते ही नहीं है तो इमोशनल चीज देखते हैं और शायद इसी चीजों के लिए हम टाटा को प्यार भी करते हैं तो राजन टाटा सेट एप्रोमिस इस अन प्रॉमिस वचन होता है एक बार मैंने कमिटमेंट कर दी फिर मैं खुद की और साइरस मिस्त्री इसकी भी

नहीं सुनता मैं तो करूंगा जो होगा देखी जाएगी इस पूरे प्रकरण की वजह से टाटा को 1400 करोड़ के लगभग आसपास नुकसान और रतन टाटा ने 1400 करोड़ का क्लेम पश्चिम बंगाल सरकार पे भी किया लेकिन वो तो कोई चल ही रहा है अभी भी उसका तो रिजल्ट आएगा जब देखी जाएगी तो रतन टाटा ने अपने कमिटमेंट के अकॉर्डिंग जो बेसिक मॉडल था वो जरूर 1 लाख का लॉन्च किया और जितने भी इसके एडवांस मॉडल द उसकी कास्टिंग ₹2 लाख से लेकर 3 लाख तक के बीच में चली गई थी जो की मारुति 800 अल्टो के आसपास ही थी तो यह बहुत बड़ा जो कॉम्पिटेटिव एडवांटेज आपको मिलना था की हमारी सबसे सस्ती कर है वो

एडवेंचर 3 में 3:30 में यह मिल रही है चलो ये लेते हैं अब सोचिए तो यह पार्टिकुलर जगह सोचकर प्लान करते हैं तो आपका लॉजेस टेक आपकी लेबर आपकी कॉस्ट आपका नेटवर्क सब आपने उसे हिसाब से प्लान किया था 6 से 12 महीने का बहुमूल्य समय लगाया था अब वो समय दोबारा लगाना है और किसी भी प्रोजेक्ट में आप जानते हैं चाहे रियल स्टेट का प्रोजेक्ट हो या कोई प्रोडक्ट लॉन्च हो अगर वो एक साल से ज्यादा उसमें टाइम लग जाए तो पहली बात कास्टिंग भी बढ़ जाती है दूसरा उसका क्रेज़ भी खत्म हो जाता है जो उसे समय क्रेज़ स्टार है भाई साहब ए रही है ए रही

है अब आई अब आई वो कहते नहीं भैया एक साल बाद आएगी वो जो फ्री हाई थी पब्लिसिटी थी वो धीरे-धीरे कम होती गई इधर कास्टिंग हायर हो गई अब मोदी जी आए सीन में मोदी जी ने कहा अरे भैया टाटा जी कहे परेशान हो रहे हो गुजरात चलो सानंद जगह है वहां पे जमीन देता हूं अप्रूवल देता हूं जो बोलोगे वो देता हूं तो मोदी ने तीसरी सारी दी और कंपैक्ट तो पश्चिम बंगाल वहां पे थोड़ी लेबर भी महंगी है चार खर्चे और भी ज्यादा है और प्लानिंग हर्ष जीरो से ड्रॉ करनी पड़ी उसके चक्कर में रतन टाटा ग्रुप को टोटल 1400 करोड़ के आसपास का नुकसान हुआ जिसके भरपाई के लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल

सरकार पर बकायदा क्लेम भी कर रखा है कंपनसेशन नहीं मांग रखा है वो मामला कोर्ट में विचाराधीन है पता नहीं उनको मिलेगा की नहीं मिलेगा बट हान ये ऐस्टीमेशन है की 1400 करोड़ के आसपास का नुकसान टोटल इस शिफ्टिंग के चक्कर में उनको हुआ और एक साल की कास्टिंग जो शायद नैनो को भारी पद गई अब प्रोडक्शन हो गया चालू लेकिन भैया लेट हो चुके हैं कास्टिंग बढ़ चुकी है अब ₹1 लाख का प्रॉमिस कर दिया था लेकिन 1 लाख में तो गाड़ी बनी रही गाड़ी तो बन रही है महंगी और रतन टाटा को कहा की भैया 1 लाख बोल दिया तो मुंह से बोलने में क्या होता है 1 लाख मैगी बन रही है तुम डेढ़ में भेज

दो दो में भेज दो रतन टाटा बोले नहीं अब प्रॉमिस एक बार मैंने कमिटमेंट कर दी फिर मैं खुद की भी नहीं सुनता और साइरस मिस्त्री ने इसके लिए इनको क्रिटिसाइज भी किया है की यार ये हर डिसीजन ले लेते हैं फाइनेंशियल प्रॉफिट की तो बात ही नहीं करते दिमाग की बात नहीं करते तो दिल की बात करते हैं अरे साइरस जी इसीलिए तो हम टाटा को प्यार करते हैं ये बात दिल की करते हैं प्रॉफिट से मतलब नहीं है जबान की वैल्यू है नैनो का लॉन्च किया गया भैया अब प्राइसिंग क्या बात है कितने पैसे रखने तो कमिटमेंट के चक्कर में जो बेस मॉडल था उसकी प्राइस

की बात रहेगी और उसे लगभग इतना बेसिक मॉडल था की वहां पर कुछ था ही नहीं तो जो एक्चुअल में जिसने गाड़ी खरीदना चाहता था जो बेसिक फीचर चाहता था वो शुरू हो रहे द डेढ़ लाख $1:45 में और ऐवेंंचुअली आगे बढ़ते-बढ़ते ये गाड़ी में कई फीचर जोड़ते हैं जब अपग्रेडेड वर्जन पे जा रहे हैं तो ये वर्जन पहुंच गए द ₹200000 से 300000 तक की रेंज में तो जब आप सोचिए जिस गाड़ी में आपको प्रॉमिस हो गया ₹1 लाख में गाड़ी मिलेगी और जब आप खरीदने जाओ और पता चले भैया अच्छा एक लाख में तो ये डब्बा ही है तो ये भी चलोगे ये लोग तो रेड का है तो सवा दो कहे तो ढाई का है तो जो बेसिक

प्रॉमिस था वो जो बेसिक कमिटमेंट था वही थोड़ा सा वहां पे खराब हो गया तो ये भी एक बहुत बड़ा अरंड रहा सेकंड पॉइंट है इसका प्रोडक्शन कंपैरिजन देखो नैनो अगर 1 लाख में आती है तो इसके आसपास कोई भी गाड़ी नहीं थी और नीनोस का जीतन होनी चाहिए थी लेकिन अब जब इसकी रेंज बढ़ते-बढ़ते ढाई तीन सवा तीन लाख तक जा रही है तो एक आदमी सोच रहा है की अरे भाई 3 लाख तक नैनो ही ए गई और 3.

5 लाख से अल्टो मारुति 800 यही चालू हो जाती है तो ये 50000 के चक्कर में रिस्क क्यों लेना ये तो इतने उसे गाड़ी बिक्री है यही वाली जो 40-50 हजार का रह गया उसे चक्कर में जो बहुत ज्यादा कॉम्पिटेटिव एडवांटेज नहीं ले पाए और एडवांटेज उन कंपनियों को मिल गया शुरुआत में जब लॉन्च हुआ था भैया मारुति की सेल 20% डाउन हो गई थी लेकिन बाद में लोगों को समझ आया अरे 25-50 हजार का तो खेल है तो फिर इन्होंने नैनो की वजह पुराने जो वेरिएंट जो भरोसेमंद द वहीं पर लोग का रहे हैं तीसरा और मैं कहूंगा सबसे बड़ा कारण ही यही था की जिसकी वजह से टाटा नैनो फैल हुई वो ये करंट था की जो फ्री की

पब्लिसिटी हुई थी ना दुनिया के सबसे सस्ती कर दुनिया की सबसे सस्ती कर तो भैया हमारी जो मिन मंडली है ये जो हमारे जोक करने वाले हैं जो स्टैंड अप कॉमेडियन है मीडिया यहां पे एक बात चली गई अरे नैनो सबसे सस्ती कर नैनो सबसे सस्ती कर भैया हम कर क्यों खरीदते हैं आप बताइए कर खरीदने का एक में कारण कंफर्ट तो है की भैया गाड़ी में कंफर्ट होता है कंफर्ट से बड़ा कारण है की भैया फैलाने के पास तो कर है फैलाने के पास तो कर है हम कर इज्जत के लिए खरीद रहे हैं और हम कर हमारी इससे भेजती हो अरे क्या लाया नैनो इसकी जगह तो यही ले आता तो

भैया गाड़ी खरीदी थी इज्जत के लिए और गाड़ी खरीद के बेचती हो रही है कौन लाएगा भाई साहब तो ये जो चीपेस्ट वाला एंगल था सबसे सस्ती सबसे सस्ती सबसे सस्ती उसने जो कर खरीदने के पीछे जो चार में जो कर खरीदने की इज्जत है जो कर खरीदने से स्वाभिमान आता है वो खत्म कर दिया की यार तू गाड़ी ले तो क्या हुआ सबसे सस्ती तो लाया है चौथे पॉइंट की बात करते हैं की देखो विज़न करेक्शन में क्या हुआ चौथे पॉइंट सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट क्या हुआ रतन टाटा जी का बेसिक क्वेश्चन क्या था की इतने तू व्हीलर चल रहे हैं यह 50-60 हजार तो वैसे ही खर्च कर रहे हैं इनको अगर मैं

1 लाख में कर का ऑप्शन दे डन तो 30 40 हजार रुपए बड़ा की ये जितने भी तू व्हीलर है ये फोर व्हीलर पे ए जाएंगे शिफ्ट हो जाएंगे इस तार बनी थी तो अगर ऐसा कंपैरिजन करें की अच्छा देखो 70 हजार में बाइक लेनी है ₹1 लाख कर लेनी है तो भैया आदमी का ही लेगा बाइक लेने वाला तो इनका फोकस करके बाइक वाला हूं मैं और एक्चुअल में इसका कंपैरिजन जैसे ही ढाई तीन लाख पे गई इसका कंपैरिजन होने लग कर वालों से और कर वाले सस्ती लेना नहीं चाहते द तो ये जो परसेप्शन की लड़ाई है जो परसेप्शन के लिए है उसमें कहीं नैनो हर गई और ये बात रतन टाटा ने भी एक्सेप्ट की की यार इसको सबसे

सस्ती कर बोलने के बजाय अगर सबसे अफोर्डेबल कार्बन ए जाता पीपल्स कार्बन बोला जाता इसको कुछ और तरीके से मार्केट किया जाता शायद बहुत बड़ी सक्सेस होती है अब बात करते हैं आखिर टोटल टाटा नैनो विकी कितनी है लोगों ने ली भी के नहीं ली और कितनी ली और कब इसका राइज था कब इसका फल चालू हुआ और अब इसको बंद किया गया तो सैन 2009-10 में जब ये लॉन्च हुई थी तो पहले साल लगभग ₹30000 लोगों ने नैनो खरीदी अगले साल इसको डबल से भी ज्यादा का जाम मिला और ये नंबर 30000 से सीधा पहुंच गया 70432 पर उसके बाद जो मैंने कहा ये नेगेटिव पब्लिसिटी दुनिया के सबसे सस्ती कर और ये

जो स्वाभिमान वाली बातें होने लगी तो उसके बाद इसकी सेल थोड़ी सी रुक की ये अपने पीठ पे हाईएस्ट गई 74 527 तक उसके बाद आप देख सकते हैं सीधा डिक्लाइन था सीधे 531000 16 7000 और फिर इसका डिसीजन लिया की भैया इसको बंद किया जाए और लास्ट साल जब इसको बंद किया गया उसे साल 1500 दो की तो टोटल ₹275932 नैनो पूरे कैरियर में है अब आते हैं वीडियो के सबसे इंपॉर्टेंट पार्ट पर जिसमें अपन देखेंगे की इस पुरी कहानी से हम हमारे जीवन में और बिजनेस में क्या सिख सकते हैं पहला लेसन इमोशनल हो गया डिसीजन मत लो सर ये इस पूरे प्रोजेक्ट के फैल

होने का कारण है की रतन टाटा जी इमोशनल हो गए की भैया ये गाड़ी तुम मुझे बनानी ही बनानी है और इसमें घटेगा बहुत बड़ा कारण है क्योंकि जब आप कमिटमेंट करते हो तो परिस्थितियों कुछ और होती है और जब परिस्थितियों चेंज हो जाती है तो आप अपने कमिटमेंट को थोड़ा सा चेंज कर सकते हैं देखो वो रतन टाटा है उनकी हम बातें भी करते हैं उनका हम सम्मान भी करते हैं और उन्होंने नुकसान भी कर लिया तो कोई फर्क नहीं पड़ता और हम जैसे लोग हमारे जीवन में अगर ये थोड़ा ऊपर नीचे करेंगे अगर बिजनेस में हमने कमिटमेंट की बात कर दी की ना भैया जो मैंने रेड का दी भाई वही लगेगी तो

बाद में फिर कोई दिक्कत हो सकती है सेकंड लर्निंग या है की जब भी आप बिजनेस में कोई चीज सोच रहे हैं या फिर आपने लाइफ में किसी व्यक्ति से डील कर रहे हैं आप यह सोचोगे चाहता क्या है की भैया आदमी गाड़ी खरीद रहा है तो क्या चाहता है इज्जत सम्मान की है गाड़ी लिए मैंने आपने उसे चीज को समझा ही नहीं किया वो गाड़ी कंफर्ट के लिए नहीं खरीद रहा वो इज्जत के लिए खरीद रहा है आपको लगा कंफर्ट के लिए खरीद रहा है तो मैं कम पैसे में दे रहा हूं ना कंफर्ट क्या दिक्कत है वो इज्जत वाले एंगल को मिस कर दिया जहां पे मोस्ट अफोर्डेबल मोस्ट बेस्ट गाड़ी बोलनी

थी वहां चीपेस्ट गाड़ी बोल दी सस्ती गाड़ी बोल दी अब गाड़ी कोई सस्ती चिप्स लेता है क्या ये दिखावे वाली चीज है दिखावे में क्या सस्ता एंड थर्ड मोस्ट इंपॉर्टेंट पॉइंट ये गलती क्यों हुई क्योंकि हमने जो फ्री मार्केटिंग हो रही थी उसको होने दी थी जब भी मार्केटिंग आप करो आपने देखो मार्केटिंग और इन्वेस्टमेंट कभी एडवाइजर भरोसा नहीं छोड़ना की इन्वेस्टमेंट है हमारे वो भाई साहब है वो देख लेते हैं नहीं भैया आप इंवॉल्व हो और मार्केटिंग भी हमारे भाई साहब देख लेते नहीं आप इंवॉल्व हो इन्वेस्टमेंट और मार्केटिंग के बेसिक कॉन्सेप्ट को और आप के बारे में आपके

प्रोडक्ट के बारे में क्या कहा जा रहा है उसे पे आपका पूरा कंट्रोल होना चाहिए तो यह थी टाटा नैनो के फेर की कहानी इससे आपने क्या सिखा मुझे कमेंट बॉक्स में बताइए आपको पुरी की स्टडी में क्या अच्छा लगा मुझे कमेंट बॉक्स में बताइए क्या अच्छा नहीं लगा वो भी कमेंट बॉक्स में बताइए अगला वीडियो टॉपिक पर बनाना है मुझे कमेंट बॉक्स में बताइए मैं उसे पर रिसर्च करता हूं और आपके लिए नई-नई केस स्टडी नई-नई चीजें लेकर आता हूं मिलते हैं अगली वीडियो में तब तक के लिए धन्यवाद