सीसीडी का उदय और पतन | कैफे कॉफी डे केस स्टडी |
इंडिया चाय पीने वाले को देश है ऐसे में कॉफी के बड़े में सोचना और देश की सबसे बड़ी कन्फ्यूजन खोल देना की कोई छोटी बात तो नहीं है कैसे कॉफी दे ये नाम तो आपने सुना ही होगा अपने कॉलेज में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पहले कॉफी शायद वही पी होगी साला ये दो के खत्म नहीं होता बी ये वही कॉफी चैलेंज है जिसने कॉफी को मेंस्ट्रीम कलर में लेक आए इसका दबदबा इस हिसाब से आप लगा सकते हो की एक समय पे जब ये नंबर वन थे इनकी 1400 से ज्यादा आउटलेट थे और नंबर तू पे कॉस्ट ऑफ अभी जयंती जिनके 170 थे और सबसे खुशी की बात है देसी इंडियन कंपनी थी बट कैफे कॉफी दे के
फाउंडर वेग सिद्धार्थ है 2019 में सुसाइड कर लिया इस घटना से बिजनेस वर्ल्ड और पॉलीटिकल वर्ल्ड में खालीबली ग गई अब अब बोलो अगर ये बिजनेस वर्ल्ड तो समझ जाता है पॉलीटिकल वर्ल्ड क्यों इनके जो ससुर जी हैं वो संप कृष्णा कर्नाटक के के मिनिस्टर कर्नाटक के जो अभी डिप्टी कम है डीके शिवा कुमार इनके दोस्त थे नील के नहीं जैन फेस के फाउंडर थे या फिर आपके आधार जिन्होंने स्टार्ट किया वो इनके परम मित्र थे इतनी बड़ी पॉलीटिकल और बिजनेस सेलिब्रिटी थे वो छोटे मोटे बिजनेस में नहीं थे इंफोसिस मन ट्री ऐसी कैमियो के शुरुआती इन्वेस्टर थे
ये जब इनकी कंपनियां को आईपीओ आया था राधाकृष्णन दमानी राकेश झुनझुनवाला नंदन नील के नहीं इतने बड़े-बड़े लोगों ने इन्वेस्ट किया था आखिर ऐसे आदमी को सुसाइड जैसा कम की उठाना पड़ा क्या बिजनेस में लोन लेना इतना घटक होता है की बिजनेस पे लोन नहीं लेना चाहिए बिजनेस में पॉलिटिक्स को इंवॉल्व कर दो तो फायदा होता है या नुकसान इस बिजनेस और पॉलीटिकल के स्टडी में आपको सीखने को मिलेंगे इन सभी बटन के जवाब और मैं दूंगा टोटल आठ लाइफ या बिजनेस लेसन जिसको एक आम आदमी सुनके अपनी लाइफ में अप्लाई कर सकता है और बिजनेसमैन अपने बिजनेस के फाइनेंशियल स्ट्रक्चर को इसको
सुनकर ठीक कर सकते हैं तो जैसा की मैंने आपको वादा किया था की इंडियन स्मॉल बिजनेसमैन की सफलता बिग सीरीज लॉन्ग डी लोकल हीरो नाम से इसमें पहले वीडियो था संजय जी ने जा दूसरा था बालाजी इफैक्ट्स और तीसरा आज आपके सामने सीबी इस वीडियो में हम डिस्कस करेंगे इंडिया चाय पीने वालों का देश है लेकिन कॉफी के उत्पादन में भी हमारा सातवां नंबर आता है और हमारे देश की 90% कॉफी कर्नाटक केरल तमिलनाडु इस एरिया से आते हैं 80% तो एक्सपोर्ट कर देते हैं पर ये जो दो स्टेट है कर्नाटक तमिलनाडु इनमें भैया चाय से ज्यादा कॉफी का शौक है और आपने भी फिल्टर
कॉफी कभी ना कभी स्टेट की जरूर भी होगी कर्नाटक के चिकमगलूर इलाके में कॉफी प्लांटेशन का बहुत बढ़िया कम है और विजय सिद्धार्थ के जो पूर्वज है 150 साल से काफी प्लांटेशन का वहां पे कम कर रहे थे 1956 में फैमिली बटवारे के बाद इनके पिताजी ने 480 एकड़ का लैंड लिया और उसे पे कॉफी प्लांटेशन का कम चालू किया वैसे तो सिद्धार्थ तुम कॉफी किंग के बड़े में जानते हैं पर इनका कॉफी में बिल्कुल रुचि नहीं थी इनको जॉइन करने की इंडियन आर्मी एनसीसी में भी मेंबर रहे आर्मी के लिए ट्राई भी किया है लेकिन सिलेक्ट नहीं हो पे तूने क्या करें फिर कुछ और करते हैं
लेकिन फिर भी कॉफी का कम नहीं किया इनका इंटरेस्ट जगह शेर ट्रेडिंग में बोले यार शेयर्स में कम करेंगे ये बॉम्बे गए से फाइनेंशियल उसे समय की सबसे बड़ी फॉर्म थी वहां पर जाकर मैंने दो साल कम शिखा और खुद की शेर ट्रेडिंग की कंपनी शिवा सिक्योरिटी नाम से दाल दी जब शेर करनी चालू की तो बता जिसे पैसे मांगे तो पिताजी ने इसको कहा की भैया 7:30 लाख दिया कहे पैसे दे रहा हूं और उसे समय 7:30 लाख बहुत बड़ी बात थी तो ये भी बड़े आदमी थे इन्होंने का बेटा है पैसे खत्म हो जाए लॉस हो जाए तो घर ए जाना कॉफी बिजनेस में और उन्होंने पिताजी को
वादा किया था की भैया पिताजी आपके पास है 480 एकड़ का प्लांटेशन 100 कर तक का रिस्क मेरे को खेलने दो सो एकड़ अगर मेरे से चले गए तो बाकी मैं आके कम कर लूंगा अब इनके पास 7:30 लाख आए तो उन्होंने गेम खेल इन्होंने कहा 5 लाख की तो जमीन खरीद के छोड़ दी और ढाई लाख अपने शेर ट्रेनिंग के बिजनेस में लगाया कहा है 5 लाख की जमीन वैसे ही समय के साथ 10 लाख हो जाएगी पिताजी को झुका देंगे मेरा भी ढाई लाख मेरे पास है और उसे दूर में बहुत ज्यादा ट्रेडर्स भी नहीं थे मार्केट में बहुत ज्यादा हलचल भी नहीं थी तो प्रॉफिट कामना काफी हद तक आसन था ये कहते थे यार
बेंगलुरु में कोई चीज ₹10 में खरीदी जयपुर में की बची मुंबई में 11 की बची ऐसे घूम के 25 50 पैसे का मार्जिन रोज निकाल जाता था या तो सुपर प्रॉफिट अब हम पर नुकसान बट रोज कुछ एन कुछ बंपर ही होता था अब ये समझदार थे इंटेलिजेंट है बिजनेस का संस्था तो शुरुआत में खूब पैसे कमाई और पैसे का जो प्रॉफिट था वो उसको रिइन्वेस्ट नहीं करते थे स्टॉक में उससे लैंड खरीद लेते थे तो 1985 से लेक 93 8 साल के बीच में इन्होंने 3000 एकड़ लैंड कारी थी ये जो 91 में थोड़ी इकोनामी खली तो इन्होंने कहा भैया जो इकोनामी खली है अब पहले तो लोकल बिजनेस हो रहा था अब एक्सपोर्ट भी कर
पाएंगे अब नेक्स्ट इंटरनेशनल लेवल पे अपना माल बिकेगा अब मोटा मार्जिन लगा तो समझदार आदमी थे शेर ट्रेडिंग से छोड़ के कॉफी ट्रेडिंग में 1993 में इंटर हुए 1993 में जब कम चालू किया सफलता मिलने में ज्यादा डर नहीं लगी 1995 मंत्र 2 साल में इंडिया के लार्जेस्ट उन रोस्टेड कॉफी के सपोर्टर ही है बन चुके थे लेकिन उसे समय इनको एक प्रॉब्लम समझ में आई बिजनेस में की यार ये जो कॉफी का मार्केट है ना ये बड़ा वॉलेट है कभी कहां पे सुख पद गया था की भी प्रोडक्शन तेज हो गया कभी प्रोडक्शन कमजोर हो गया तो कॉफी के प्राइस इंटरनेशनल मार्केट में ऊपर नीचे बहुत होते रहते हैं
तो कभी तो हो सकता है बंपर प्रॉफिट कभी बंपर नुकसान समझ नहीं पड़ता उन्होंने कहा कुछ तो कांस्टेंट तरीका हो जिससे प्रॉफिट है की क्या कर सकते हैं तो इनको समझ में आया वो बात की भैया अपन को खुद का ब्रांड बनाना चाहिए ये कॉफी खरीदी कॉफी बची इससे क्या मतलब है अपन खुद का ब्रांड बनाते हैं खुद की पैकेजिंग बनाते हैं उसमें बेचेंगे तो इनको तीन ऑप्शंस हैं एक खुद के कैसे खोल सकते हैं दूसरा खुद का कॉफी पाउडर बीच सकते हैं तीसरा खुद की कॉफी पेंडिंग मशीन बीच सकते हैं इन्होंने अपना ब्रांड बनाया कॉफी डे फ्रेश और ग्राउंड नाम से और 450
आउटलेट में कॉफी पाउडर बेचना चलो कर दिया इस मौके पे हम सीखने हैं हमारा पहले बिजनेस लेसन की भैया जब भी आप कमोडिटी में डील करोगे आप कॉफी बीच रहे हो बगल वाले साजन कॉफी बीच रहे हैं तो आपको से भाव मिलेंगे ज्यादा मार्जिन नहीं मिलेगा अगर आपको मार्जिन बढ़ाना है खुद की अलग पहचान बनानी है और अगर आपको फ्लकचुएशन से दूर रहना है खुद का ब्रांड बनाना पड़ेगा कॉफी पाउडर बेचे ग गए और पेंडिंग का मशीन का कम भी चालू किया लेकिन कैसे को लेक थोड़ी सी टेंशन थी इन्होंने कहा है कैफे खोलेंगे दो से डिस्कस किया दोस्त बोला है पागल है क्या 5-5 रुपए में फिल्टर कॉफी जगह-ज चल
रही है तू ₹25 में कैपिटा चीनो बेडशेगा कौन लगा तेरे से पागल है क्या तो इन्होंने आइडिया छोड़ दिया की हां यार बात तो सही है पांच की चीज 25 में कौन लगा लेकिन उसके बाद इनका सिंगापुर जाना हुआ सिंगापुर में इन्होंने देखा और दुनिया भर के कैफे और वहां पे इंटरनेट लगा हुआ है फ्री वी-फी है और वहां लोग बैठे हुए हैं कैफे भरे हुए लैपटॉप लेक लोग कम कर रहे हैं कॉफी पी रहे हैं इन्होंने कहा ये वाला कॉन्सेप्ट में एक बात और ट्राई करके देख लो बहुत सारे लोगों ने माना किया लेकिन भैया पैसे तो इन्होंने काफी कमल लिए थे उन्होंने कहा है
1.5 करोड़ का इन्वेस्टमेंट करके देख 50 लाख में लेज वगैरा में डालूंगा 50 लाख से सेटअप रेडी करूंगा 50 लाख के कंप्यूटर लगाऊंगा 1.5 करोड़ में चला तो ठीक नहीं तो जीरो तो जीरो सही लेकिन एक बार करके तो देखूंगा 1996 में इन्होंने पहले कैफे कॉफी डे खोल और उसे समय फ्री वी-फी देना चालू किया जब पूरे इंडिया में 10-15000 लोग जो आईटी सेक्टर से जुड़े हुए थे उन्हें के पास इंटरनेट की एक्सेस थी आम आदमी बस थी नहीं उन्होंने उसे दूर में इंटरनेट फ्री प्रोवाइड कराया और पहले कैसे खोल अगले 4 साल में 2000 तक 22 कैफे पूरे साउथ इंडिया में खुला चुके थे 2004 तक 200 आउटलेट पूरे
इंडिया में खोल दिए और 2014 में इनका टोटल साम्राज्य देखिए 1488 कैफे 2877 मशीन जो काफी वेंडिंग मशीनस थी वह सब जगह कॉरपोरेट में इनकी लगी हुई थी बिजनेस और लाइफ लेसन नंबर तू अपने दिल की सुनो दोस्तों कुछ भी का देते हो उसे आदमी का जाना क्या है बैठ के तुम्हें ज्ञान लेना है जैसे उसकी बुद्धि जैसा उसका अनुभव जैसे उसकी रिस्क लेने की क्षमता वैसा तुम्हें ज्ञान देकर चला गया मैं एक चीज हमेशा कहता हूं ना गरीब की है और गरीब से राय बिल्कुल नहीं चाहिए और गरीब की राय मतलब जिसकी सोच छोटी हो तो आपको अगर लगता है की अरे चीज है और मुझे करनी है आपको ट्राई करनी चाहिए
आपका कनेक्शन इसमें बहुत ज्यादा हो कई बार हो सकता है कोई समझदार आदमी को रॉक रहा है आप रॉक करना मत तो करूंगा तो वो बेवकूफी भी है लेकिन आपका कनविक्शन है आपको चीजों के बड़े में बताएं तो किसी अनजान आदमी की राय नहीं लेनी दिल की सुन्नी कम करना अगर आपको लगता है बीजी से दर्द का कम सिर्फ कॉफी बेचना था तो भाई साहब थोड़ी गलती हो गई आपसे वो लगे डायवर्सिफिकेशन स्प्रिंग उन्होंने कहा एक कम नहीं दुनिया भर के कम करेंगे और शायद यही गलती हो गई अब मैं आपको 2014 तक फास्ट फॉरवर्ड में दौड़ा लाया था अब थोड़ा बीच में चलते हैं की 2014 के बीच में कॉफी के अलावा इन्होंने
क्या-क्या कम किया हैं 2000 में ये लौटे अपने पहले प्यार की तरफ फाइनेंशियल एडवाइस भी चालू की कंपनी का नाम था वे तू वेल्थ ये रियल स्टेट की दुनिया में खुद है 2006 में इन्होंने बनाया ग्लोबल विलेज टेक पार्क 120 एकड़ का था इसमें 3.3 मिलियन बट अप एरिया था और यहां पे इन्होंने बड़े-बड़े कॉरपोरेट को बुलाया की भैया यहां पे आओ जगह लो जैसे डीएलएफ नहीं करता माल बनाया कॉरपोरेट को दे दिया वो वाला कम भी ना स्टार्ट किया फिर उन्होंने कहा और क्या करें तो इन्होंने खुद के हॉस्पिटल ही सेक्टर में गए तो उन्होंने शानदार हाय और रिजॉर्ट खोलें सराय नाम से तीन उन्होंने
खोल कर्नाटक में एक खोलो अंडमान निकोबार में तो भाई साहब अभी आप सोचो कॉफी का कम था कॉफी में भी डायरेक्ट कॉफी बीच रहे थे पाउडर बीच रहे थे मशीन बीच रहे थे कैसे था फिर फाइनेंशियल सर्विस में भी कूद गए रियल स्टेट में भी कूद गए और रिजॉर्ट वाले कम में भी कूद गए फिर 2009 में इन्होंने सोचा है मेरे पास 15000 जड़ से ज्यादा अब यहां पर कॉफी के अलावा दुनिया भर के पेड़ ठीक दुनिया भर की चीज आई है तो अपन एक फर्नीचर कंपनी भी खोल लेते हैं तो 2009 में इन्होंने फर्नीचर कंपनी कोली की इसमें जितने भी पेड़-बेड हैं उनको कैट के और खुद का प्लाईवुड का लैमिनेट का बोर्ड का
फर्नीचर का किचन होटल इनका कम चालू हो गया और उनके सीडी के जितने फर्नीचर थे ये खुद ही बनाने ग गए रिजॉर्ट के खुद ही बना ले ग गए खुद के रियल स्टेट में खुद ही कम में लगे और दुनिया को भी बेचे ग गए उसके बाद ये इन्वेस्टर भी बन गए इन्होंने कहा यार कोई नई कंपनी है तो बताओ इन्वेस्ट करें जब इंफोसिस का आईपीओ आया था वो सब्सक्राइब ही नहीं हुआ था तो उसमें फिर वेग सिद्धार्थ ने पैसे लगा के चलो मैं पैसे लगता हूं और 6 महीने में छह गुना कर लिए खुद के पैसे फिर एक कंपनी है मन ट्री बहुत फेमस कंपनी इनमें शुरुआत में इन्होंने 170 करोड़ रुपए
का इन्वेस्ट किया और कंपनी की नहीं मैं इन्होंने राखी थी चालू इन्होंने कराया था और बाद में 2015 के आसपास इन्होंने वो शेर करोड़ की प्रॉफिट पे बेचे कल मिला के भाई साहब ये सिर्फ कॉफी वाले आदमी नहीं थे ये रियल स्टेट में भी थे ये रिजॉर्ट में भी थे फर्नीचर में भी थे ये इन्वेस्टर भी थे सब कुछ थे और जो पिताजी से हमने पैसे लिए थे 7:30 लाख यह 2015 तक ₹6000 करोड़ यानी उसे पैसे को ₹80000 गुना कर चुके थे पिछले 20-30 साल में तीसरा बिजनेस और लाइव लेसन बहुत ज्यादा डायवर्सिफाई नहीं करना बहुत ज्यादा प्यार नहीं रखना अब सोचो एक कम करते हैं पर एक
नहीं गया दुनिया भर के कम में कूड़े और एक साथ ही सब में और यही रीजन हुआ की उनका डाउनफॉल इतना जल्दी हुआ अब डॉ फूल क्या हुआ क्यों हुआ कैसे हुआ और अगर इस तरह का आपका ग्रोथ है आप सोचो यार अभी तो सक्सेसफुल है हर जगह ग्रोथ ग्रोथ ग्रोथ हर जगह सक्सेस सक्सेस ऐसा आदमी कैसे गिर गया अभी समझते हैं अच्छा भाई लोग एक बात आगे बढ़ाने से पहले एक छोटी सी बात आपसे कर लेट हूं ये लोकल हीरो सीरीज पसंद ए रही है की नहीं ए रही क्योंकि आप क्या चाहते हो छोटे-छोटे बिजनेसमैन की बात हो की नहीं हो अगर पसंद ए रही है तो एक बार वीडियो को लाइक करके कमेंट करके मुझे बताओ की इस
तरीके से इस पसंद ए रही है तो मैं और लेकर अब बात करते हैं डाउनफॉल के बड़े में जब आप बहुत तेजी से एक्सपेंड करते हो बहुत तेजी से डायवर्सिफ भाई करते हो तो भैया पैसे की जरूर लगती है इडली स्थिति क्या हनी चाहिए आदर्श स्थिति एक बिजनेस को सेटल करो उसे बिजनेस से जो पैसा है उससे दूसरा सेटअप करो इन दोनों के बिजनेस से जो पैसा ऐसे तीसरी सेट अप करो तीसरा से जो है उससे चौथ करो और बीच में अगर लोन की थोड़ी मोती जरूर पद रही है तो ले लो लेकिन आप का रहे हो पहले तो सेटल हुआ नहीं है अभी ढंग से उसमें तो कुछ कम बाकी है दूसरा लोन लेक कर
लो तीसरा लोन लेक कर लो फिर भैया ने है जाओगे क्योंकि जब एक साथ बहुत साड़ी जगह पे जाते हैं तो आपको डिसीजन लेने पढ़ते हैं और आप जब इतनी जगह का दिमाग डाइवर्ट है तो आप डिसीजन ले नहीं पाते इसको एक शब्द कहते हैं मैनेजमेंट बैंड विथ जब आप इतनी चीज कर रहे हैं की आपके पास स्ट्रांग टीम है जितने भी बड़े बिजनेस ने कल किया है मार्केट में धूम धड़का मचाए उनके पास एक बहुत स्ट्रांग टीम थी जो उनके पीछे से कम कर रही थी विजय से डरता की कैसे में कहा जाता है की ये लोन शार्प थे ये अपने लेवल पे कम करते थे इनके पीछे कोई एक बहुत बड़ी स्ट्रांग टीम में तैयार नहीं कर पे
हर कम खुद करने की आदत थी मैं करूं मैं करूं मैं करूं मैं करूं शक्कर में कभी टीम बन ही नहीं और इतना बड़ा अंपायर फिर सामला नहीं तो 2009 से 2015 जब ये खतरनाक वाला एक्सपेंशन चल रहा था उन छह सालों में 2 साल प्रॉफिट रहा वो भी 37 करोड़ का बट बाकी कर साल में टोटल 167 करोड़ का लॉस राम तो लेसन नंबर फोर इन लाइफ न बिजनेस हमेशा डेलिगेशन करना सीखो आपके नीचे लीडर पैदा करो की भैया मैं किसी दिन व्यस्त हूं या मेरे को कुछ और चीज करनी है तो मेरे पीछे से ये आदमी संभल लगा तो अगर आपके पास एक बढ़िया लीडर है जो अपने लेवल पे डिसीजन ले सकते हैं और चीजों को संभल सकते हैं
तभी एक्सपेंड करो आपके पास ही टीम नहीं है तो इसलिए का रही है स्पेंड करना है अब भैया तुमको करना एक्सपेंशन तुमको करना डायवर्सिटेशन और कमियां तुम्हारी प्रॉफिट नहीं दे रही तो पैसा कहां से लगे वहीं से धन से सब लेट हैं बैंकों से कर्ज लोग शेर बेचोगे यही तो करोगे इसने भी यही किया इन्होंने प्राइवेट इक्विटी जो इन्वेस्टर है जो आज की डेट में भी इसी वगेरा बने घूम रहे हैं उसे समय एक प्राइवेट इक्विटी से इन्होंने इन्वेस्टमेंट लिया 960 करोड़ का आजकल वो मंत्र 90 करोड़ था बाकी पूरा लोन था अब जब वहां से बाहर नहीं पड़ी तो ये बैंकों
के पास भेज एनबीएफसी के पास भेज और 2015 तक जब हम का रहे हैं की 6 करोड़ की असत्री वह भाई वह लोन था 462 करोड़ रुपए का 2009 में जो इनकी टोटल ऐसेट थी उससे अगर इनका रेश्यो देखा जाए तो 22% मतलब ₹100 में से 2200 खुद के थे 78 रुपए बाहर वालों के थे 2015 आते-आते ये ₹9 र गए और बाहर वालों का एक कार्ड में रुपए हो गए लेसन नंबर फाइव और ये बिजनेस फाइल के लिए हाथ जोड़ के कभी भी बहुत तेजी से एक्सपेंड मत करो प्लस अगर तेजी से एक्सपेंड करना है तो खुद की बिजनेस अगर प्रॉफिट दे रही है खुद के पास स्कूटी है वो लगाओ थोड़ा नेट लेकर कम चलो
50-50 में कम चलाओ आप एक्सपेंड करते टाइम में ₹90 का लोन ए रहा है जब से ₹10 ग रहा है तो आज नहीं तो कहानी भैया कर्ज के मायाजाल में फैंस जाओगे ये डेट है किसी को नहीं छोड़ना ये व्यक्ति को समाज को परिवार को दे तक को का जाता है श्रीलंका पाकिस्तान नहीं दिखे रहा तुमको फिर इन्होंने कहा यार भैया कहानी से पैसा नहीं ए रहा क्या करें मतलब कंपनी का स्टॉक भेज देते आईपीएल लेक आते हैं अब आईपीएल बहुत पहले लाना चाहिए था पर बाद में आई कोई बात नहीं इन्होंने आईपीएल का प्लेन किया इनकी दोस्ती थी तो पैसा लगा दिया यह लेकर हो सकता है कुछ बटन लेकिन भैया कंपनी में
लॉस ए रहा था दुनिया भर के कर्ज पड़े थे तो उसको उतना रिस्पांस मिला जितना मिलन चाहिए था तो जब आईपीएल लॉन्च हुआ ये उसे पर्टिकुलर मूवमेंट पे देश के 1600 वन नंबर के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे इनकी पर्सनल नेटवर्क 7000 करोड़ के ऊपर हो गई थी और वो कुछ मिनट की बात नहीं जैसे ही वो शेर लिस्ट हुआ 313 पे वो इस दिन धड़ाम हो गया 270 पे और 18% लॉस हो गया कहानी ना कहा सेंसेक्स डॉ था इसलिए हो गया कई होने का बिहार इलेक्शन है इसलिए हो गया बट भाई साहब उसे समय एक कंपनी और थी इंटरलॉक एवियशन बताइए कौन सी कंपनी है इंडिगो का आईपीओ भी एक दो महीना आगे पीछे आया था और
वो सुपर सक्सेसफुल रहा था तो बोले भैया मार्केट के दोस्त में तो तुम्हारी गलती है खैर आईपीओ जैसे तैसे हुआ जो भी पैसे आए वो पूरा पैसा कंपनी के एक्सपेंशन में जान की बजे लॉन्च चुकाने में ही चला गया अब आपको एक बात बताता हूं ध्यान से सुना मजा आएगा जो भी व्यक्ति बहुत तेजी से ग्रोथ करते हैं और टीजी वाली ग्रोथ लोन लेकर करते हैं उनको लगता है आज नहीं तो कल सब चुका देंगे कंपनी बढ़िया चल रही है आज नहीं तो कल प्रॉफिट ए जाएगा वो एक चीज से अनजान राहत है की कभी भी कोई भी एक ब्लैक स्वान इवेंट घाट शक्ति है ब्लैक समाज इवेंट यानी किसी
ने सोचा ही नहीं था ऐसी इवेंट भी कभी घटती है क्या जैसे मां लो कोरोना जैसे मां लो युद्ध जैसे अदानी जी की जिंदगी में हिडेनबर्ग ये घटना घाट जाति है पर आदमी नहीं मा जाता है तो इनकी जिंदगी में दो ऐसी घटनाएं घाटी जिसकी वजह से जो इनका अंपायर था जो टॉप ऊपर ही ऊपर ऊपर ही ऊपर जा रहा था एकदम से धर्म गिर गया जो पहले ब्लैकस्वान और थी वो थी पॉलीटिकल इंप किसी ने आप नहीं लगाया की अरे इनके ससुर साहब तो कम है और इनका दोस्तों कुमार और यह तो कांग्रेस ही आदमी है तो ये तो अंदर ही अंदर उन्होंने बहुत साड़ी रियल स्टेट में घपला की है बहुत सारे कॉफी प्लांटेशन की
है दुनिया भर के आप लगता ही रे और ऐसा कहते हैं की पॉलिटिक्स से बहुत ज्यादा इनको फायदा भी पहुंच है लेकिन जिन-जिन को पॉलिटिक्स से फायदा पहुंच है वो नुकसान भी पॉलिटिक्स से ही पहुंच है उसमें आपको याद है गुजरात में एक एमपी थे अहमद पटेल जी वह एमपी के इलेक्शन के लिए भैया खड़े हुए इधर से पुरी बीजेपी खड़ी थी की भैया इनको भी जितने देंगे और इधर से कांग्रेस कट जाएगी जीता के लेंगे ऐसे कैसे में क्या होता है बड़ा बंदी होती है भाई तो गुजरात के सारे एम्पो को लेक ए गए और बैंड का किया कर्नाटक में डकेश कुमार ने कहा मैथ्स संभल लूंगा सब तो दक्षि कुमार ने वहां के
विधायकों को सुरक्षा दी की भाई साहब ठीक है मैं ध्यान रखना हूं तो भाई साहब बीजेपी कम है क्या बीजेपी ने कहा रुक रेड मारते हैं तो डीके शिवा कुमार पे इनकम टैक्स ने 40 ठिकानों पर रेट की भैया पकड़ के लो कैसे ना कैसे तो उसको तोड़ के लो अब उसे रेड में कुछ निकाला तो नहीं उसे रेड में बल्कि शिवा कुमार ने बच्चा भी लिया अहमद पटेल एमपी भी बन गए पर नुकसान हो गया दर्द का क्यों क्योंकि उसे रेड के दौरान जब रेड की तो 300 करोड़ रुपए की घोषित आई निकली डी केशव कुमार की और उसमें नाम ए गया भाई साहब का और बीजेपी को बताता है या दी के
शो मार के ला ये आदमी भी है जो कांग्रेस को मदद बहुत करता है तो लपेट देते हैं इसको भी तो अगले ही दिन उसके बेसिस पे इनके बीच ठिकानों पर रेड हुई और 650 करोड़ की डिमांड निकाल दी बिजनेस लेसन नंबर सिक्स राजनीति एक दो धारी तलवार है तो किसी को लगता है ना रे इस पॉलीटिशियन का तो इस पे हाथ ए गया इसलिए टॉप पहुंच गया तो भैया आज टॉप पे पहुंच गया तो नीचे भी चला जाएगा बहुत सारे हमने कैसे देखें चाहे डीएलएफ है इनको सपोर्ट में भी नाम लिया गया सरकार ने बनाया लेकिन भैया जब ये गिरते हैं उसमें भी सरकार का ये रोल होता है तो जिसने जैसे
उठा वो वैसे गिरा देगा तो तुम इस चक्कर में मत पड़ो ज्यादा सेकंड लेवेंट क्या हुई एक बहुत बड़ा कंपनी थी आई एन एफ एस आपने नाम सुना होगा इसका बहुत बड़ा फ्रॉड निकाल गया है ये कंपनियां क्या कर दी थी बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को लोन देती थी और एकदम से जब इसमें फ्रॉड हुआ तो बाजार में हल्ला मैच गया क्या अरे यार इतनी बड़ी कंपनी फ्रॉड हो गई उसके बाद से आरबीआई ने जितने भी बैंक वगैरा है ना सब पे नकल काश देखिए भैया ऐसा है ज्यादा लोन नहीं बांटने तो उसे समय बैंक ने और एनबीएफसी ने नए लोन देने पे लगभग पाबंदी से लगा दी और पुराने
लोन रिव्यू करने में भी डरने ग गए लोन से चल रही थी इनके पास ₹2000 करोड़ का लोन एचडीएफसी का था म्युचुअल फंड का लोन था ₹901 करोड़ का अब इनके पास प्रॉफिट तो था ही नहीं अब इन्होंने कहा यार भैया लोन से ही तो गाड़ी चल रही है लोन नहीं आने बैंड हो गए और ऊपर से इनकम टैक्स और सर पे खड़ी है क्या करें आदमी धीरे-धीरे एन लगे तो एक समय पर इनके पास 53 परसेंट कम्युनिकेशन थे वो गिरवी रखते मंत्र 14% र गए तो कंक्लुजन समझो इनकी कंपनी पर बहुत सर कर्ज है पैसा यह काम नहीं रहे अब गाड़ी चलने के लिए और पैसा चाहिए वो इस फ्रॉड के चक्कर में बैंक दे नहीं रही फिर गिरवी
रखना के लिए जो खुद के शेर थे वो भी भाई साहब कम पद गए फिर इनकम टैक्स करी की हमारा सेटल करो फिर उसके बाद जो पुराने इन्वेस्टर थे जिन्होंने आज तक पैसा लगाया वो का रहे हैं भैया हमारी रिकवरी करके दे तो और से फस गए भाई साहब जो बहुत ज्यादा लोन लेकर भगत है उसको लगता है सब कुछ सही होगा पर कोई ऐसी घटना घाट जाति है जो उसकी डिक्शनरी में नहीं थी उसको क्या पता था की यार इसके रेड होगी और मेरा नंबर आएगा या फिर ये वाला बैंक ड्रॉप हो जाएगा तो मेरे पैसे बैंड हो जाएंगे तो ऐसी बहुत साड़ी घटनाएं जो आपको नहीं पता पर घाट जाति है और फिर आपको कोई नहीं बच्चा पता तो यही से
भी प्रेशर के करण शायद उन्होंने सुसाइड कमेंट किया उसके बाद इनकी जो वाइफ है मालविका जी उन्होंने कंपनी को हैंडोवर किया बहुत सारे लोन उन्होंने चुका है बहुत साड़ी ऐसेट उन्होंने बची कंपनी को थोड़ा डॉ साइज भी गया काफी हद तक संकट से उभर दिया है लेकिन अभी भी प्रॉपर तरीके से बाहर नहीं आए अभी इनका जो शेर एक समय पे 320 था वो अभी रिसेंटली मैंने जो वीडियो बनते समय ₹35 का लगभग इनका शेर र गया है मार्केट कैप एकदम डॉ है और अभी लास्ट दो 200 300 करोड़ के लोन का डिफॉल्ट भी ये कर चुके हैं तो कंपनी काफी हद तक उभरी है लेकिन अभी तक प्रॉपर सात पे नहीं आई है
प्रॉफिट में तो बिल्कुल नहीं है हम तो यही का सकते हैं की बेस्ट ऑफ लॉक की ये कंपनी उभरे क्योंकि भारत में बहुत बड़ा नाम था लेकिन अब आपने पुरी कैसे स्टडी समझा की बिजनेस में अगर आप ढंग से डिसीजन ले रहे हैं एवरीथिंग इस राइट तो ग्रोथ कितनी तेज होती है और अगर दो-चार ब्लैकस्वान इवेंट हो जाए तो माइंस वन में भी टाइम नहीं लगता अगर ये साड़ी चीज होती ये खुद की जब से या खुद के प्रॉफिट से एक्सपेंड कर रहे होते तो ये दोनों चीजों से इनको इतना ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि एक तो मशीन है जहां से पैसा ए रहा है इनकी तो साड़ी मशीन
बैंड पड़ी थी और लोन और बैंड हो गया लाइफ लेसन नंबर 8 लाइव प्रेशर है भैया 2019 में अपने ड्राइवर को बोला की भैया एक ताल पे उन्होंने कहा की भैया मुझे यहां खड़ा कर दो तुम्हें एक घंटा चक्कर लगा के आओ मैं अकेला ही ताल लूंगा उसे समय बाद वहां से कूद गए तो अगर वो फिजिकल फिट होता है या मेंटली फिट होते है या डिप्रेशन कर पाते तो शायद आज सीडी की कहानी कुछ और होती अभी तो चीज नेगेटिव है तो भैया कभी हिम्मत नहीं हर नहीं चीजें जब अगर खराब होती है तो चीज अच्छी भी होती है इस कहानी को सुनकर मेरी दो तीन कहानी है दिमाग में घूम रही है नरेश गोयल जेट वाले विजय माल्या जी
अनिल अंबानी जी आप बोलो तो इन तीनों में भी स्टडी कर दे अगर करनी है तो कमेंट बॉक्स में बता देना और बताने से पहले चैनल को जरूर सब्सक्राइब कर देना धन्यवाद जय
0 Comments